Monday, 8 August 2016

जीत की किमत

Hello friens this is Akram and here i am publishing my new post.This post relates to them who are rigid about thier goal but they need a little support to uphold them enthusiastic towards thier ambition,and i hope this post helps you to become a blaze of success path.so i am starting my post and it is in Hindi so that who can even read whose english reading power is weak.the Title is
                         'जीत की किमत'
आज के जमाने मे जीतना सब चाहते है पर बात जब किमत की आती है,मन शंका से भर जाता है।पता नही क्या किमत चुकानी पङेगी? पर यकिन मानिये जब आपसे आपकी सफलता की किमत कम माँगी जाये आप स्वयं ईसको नकार देंगे। किसी भी चीज की किमत का पता तब लगता है, जब उसके एवज में कुछ खोना पङे।हम अक्सर संघर्षों की तपती धरा से बचने के लिए, शीतलयुक्त सरल मार्ग की तलाश में, मंजिल से भटकने लगते है। लेकिन आपने ये कहावत तो सुनी ही होंगी की 'प्रत्येक बङी शक्ती अपने साथ एक बङी जिम्मेदारी भी लेकर आती है।' जिसका जीवंत उदाहरण आपके माता-पिता ही दिख सकते है।आपकी मंजिल जितनी ऊँची होगी , आपकी महत्वकांछा जितना बङी होगी । आपका लक्ष्य जितना उत्कर्ष होगा, आपकी जिद उतनी ही पक्की होनी चाहिए। निश्चय उतना ही दृढ होना चाहिए। दशरथ माँझी फिल्म की एक डाॅयलग सुनी 'जब तक तोङेंगे नही तब तक छोङेंगे नही ! क्या पहाङ सिर्फ उनके सामने ही था ? क्या पहाङ हमारे सामने नही ? क्या ये विचार हमारे नही हो सकते ? ??????to be continued

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